तुम दोस्त नहीं , भाई हो

जिंदगी की राहों में चलते हुए मुझे भी एक दोस्त मिला  था ...एक अंजान से शहर में ....आज ही के दिन ।

यूँ तो बहुत सारे अच्छे दोस्त मिले थे पर वो सबसे  थोड़ा सा हटकर था ।

आज भी याद है मुझे वो शाम ,
कमरे की वो हल्की सी जगमगाती हुई लाइट और मेरे आंखों में भरी हुई ढेर सारी नींद।
पहली मुलाकात ...
एक दूसरे की आंखों👁️ में  वो अनजानापन...पर फिर भी उसमे झलकती हुई वो  जिज्ञासा ।।
उसका मेरी ओर बढ़ाया गया हाथ🤝 ...और मेरे मन की उद्वेलना, जो कही न कही मुझे पीछे खींच रही थी

....लफ़्ज़ों में थोड़ा सा सँकोच.... और होठों पे वो कांति सी मुस्कान, जो शायद यह जता रही थी कि अब तुम अनजाने नही रहे ।
हाँ ......यही तो शुरुआत थी .....उस दोस्ती नाम के खूबसूरत रिश्ते की . जिसको आज एक वर्ष बीत गए ।
इन एक सालों में  बिताया गया मेरा हर वो पल यादगार रहेगा, जिसमे वो मेरे साथ रहा । हमेशा एक भूतिया साये की तरह। 
सदैव मेरे हँसने पर साथ हसने वाला ,रोने पर चुप कराने वाला .....सब कुछ बन गया वो मेरे खातिर... कपड़ें धोने वाला, ....जूते पालिश करने वाला ,... सिर दबाने वाला और एक कुशल बावर्ची भी
ऐसा कौन करता है ?? 
शायद एक भाई ।

सच मे वो दोस्त नही भाई था मेरा ।

अब वो शायद हमसे दूर हो जाये ,पर ऐसे रिश्तों में ...फ़ासले कभी बाधक नही बनते ।

बहुतों से सुना है मैंने... कि,  एक सुकोमल और गुलाबी रिश्ता है दोस्ती,... छुई-मुई की नर्म पत्तियों-....अंगुली उठाने पर यह रिश्ता कुम्हला जाता है,
पर मैं ऐसा नही मानता 
क्योंकि
वो वही है ...जिसने मेरे 4- 5 जूतों  , 2 बेल्ट और अनगिनत थप्पड़ों का कभी जवाब नही दिया...... तो फिर ...कैसे मान लू मैं ..कि दोस्ती का रिश्ता इतना कोमल होता है ।

इसकी  मैं तो क्या... कोई भी व्याख्या नही कर सकता ।बस ये कहूंगा कि अपने अंतर्मन से दोस्ती निभाईये ।

वैसे.... कितनी अजीब होती है न ये दोस्ती ?? 💭💭
कोई रिश्ता न होकर भी सबसे करीबी रिश्ता 


Its for you Ankit .




Sugandh mishra



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